
चंद्रपुर,17 अक्टूबर: महाराष्ट्र समेत पूरे देश में आज कलश स्थापना के साथ नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो जाएगी। शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है। इसके बाद 10वें दिन विजयादशमी मनाई जाती है। इस वर्ष अधिकमास समाप्त होने के बाद नवरात्र की शुरूआत शनिवार से हो रही है। इस बार विजयदशमी 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस बार नौ दिनों में ही 10 दिनों का पर्व पूरा हो जाएगा। इसकी वजह तिथियों का उतार चढ़ाव है। 24 अक्तूबर को सुबह छह बजकर 58 मिनट तक अष्टमी है और उसके बाद नवमी लग जाएगी। दो तिथियां एक ही दिन पड़ रही हैं। इसलिए अष्टमी और नवमी की पूजा एक ही दिन होगी, जबकि नवमी के दिन सुबह सात बजकर 41 मिनट के बाद दशमी तिथि लग जाएगी। इस कारण दशहरा पर्व और अपराजिता पूजन एक ही दिन आयोजित होंगे। कुल मिलाकर 17 से 25 अक्टूबर के बीच नौ दिनों में दस पर्व संपन्न होंगे। शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा की आराधना के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
नवरात्रोत्सव पर भी कोरोना का साया, नहीं होंगे बड़े आयोजन
चंद्रपुर सहित पूरे महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की ही तरह नवरात्रोत्सव भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। गरबा डांस एवं डांडिया के बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से इस साल अन्य उत्सवों एवं त्यौहारों की ही तरह नवरात्रोत्सव भी साधारण ढंग से मनाया जाएगा। जिला प्रशासन ने नवरात्रोत्सव, दुर्गा पूजा, दशहरा का त्यौहार साधारण ढंग से मनाने की अपील लोगों से की है। इस संदर्भ में गाइड लाइन भी जारी की गई है।
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पिछले 6 महीनों से सभी उत्सव एवं त्यौहार साधारण तरीके से मनाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में बढ़ चढ़ कर मनाया जाने वाला गणेशोत्सव कब शुरू हुआ और कब खत्म लोगों के समझ में ही नहीं आया। अब 17 से 25 अक्टूबर के बीच शारदीय नवरात्र, दुर्गा पूजा, विजयदशमी (दशहरा) का त्यौहार है। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूरे राज्य में कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए त्यौहार सादगी से मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि गणेशोत्सव में जिस तरह का सहयोग लोगों ने किया है, वही अपेक्षा नवरात्रोत्सव सहित अन्य त्यौहारों में भी है, जिससे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा।